Parliament में रेल मंत्री ने बताया, कैसे हुआ था बालासोर ट्रेन हादसा

देश – विदेश (DID News):- रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार को कहा कि ‘सिग्नलिंग-सर्किट-परिवर्तन’ में चूक के कारण गलत सिग्नल के कारण जून में ओडिशा के बालासोर जिले में दुखद ट्रिपल ट्रेन दुर्घटना हुई। मंत्री इस त्रासदी पर संसद की राज्यसभा में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) नेता जॉन ब्रिटास और आम आदमी पार्टी (आप) नेता संजय सिंह के सवालों का जवाब दे रहे थे। ब्रिटास और सिंह ने सरकार से यह स्पष्ट करने को कहा था कि क्या रेलवे सुरक्षा आयुक्त (सीआरएस) ने दुर्घटना के संबंध में अपनी रिपोर्ट सौंपी थी और क्या उन्होंने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) जांच के लिए कोई समयसीमा तय की थी।

रेल मंत्री ने क्या कहा

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने राज्यसभा में एक लिखित जवाब में कहा कि 2 जून को बहनागा बाजार स्टेशन (बालासोर के पास) पर हुई दुर्भाग्यपूर्ण ट्रेन दुर्घटना में 295 यात्रियों की जान चली गई, 176 गंभीर रूप से घायल हुए, 451 को साधारण चोटें आईं और 180 को प्राथमिक उपचार मिला और वे चले गए।

उक्त दुर्घटना में 41 मृत व्यक्तियों की अभी तक पहचान नहीं हो पाई है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सीआरएस द्वारा स्थापित दुर्घटना का कारण है -: पिछली टक्कर पूर्व में स्टेशन के नॉर्थ सिग्नल गूमटी पर किए गए सिग्नलिंग-सर्किट-परिवर्तन में खामियों के कारण हुई थी, और स्टेशन पर लेवल क्रॉसिंग गेट नंबर 94 के लिए इलेक्ट्रिक लिफ्टिंग बैरियर के प्रतिस्थापन से संबंधित सिग्नलिंग कार्य के निष्पादन के दौरान हुई थी।

क्या हुआ था

इसके साथ ही रेलमंत्री ने कहा कि लेकिन अब मुख्य लाइन को अब लूप लाइन (क्रॉसओवर 17 ए/बी) से जोड़ने वाला क्रॉसओवर अब लूप लाइन पर सेट किया गया था। गलत सिग्नलिंग के परिणामस्वरूप ट्रेन नंबर 12841 अप लूप लाइन पर चली गई और अंततः वहां खड़ी मालगाड़ी (नंबर एन/डीडीआईपी) से पीछे से टक्कर हो गई।

इससे पहले एक सूत्र ने बताया कि भारतीय रेल बालासोर ट्रेन हादसे पर सीआरएस की रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं करेगी ताकि यह सुनश्चित हो सके कि उससे दुर्घटना की सीबीआई जांच प्रभावित ना हो। यह दुर्घटना तब हुई जब दो जून को शाम करीब सात बजे कोरोमंडल एक्सप्रेस एक खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई, जिससे ट्रेन के अधिकतर डिब्बे पटरी से उतर गए। उसी समय दूसरी लाइन से गुजर रही बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस के कुछ डिब्बे भी पलट गये।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *